अहमदाबाद। गुजरात में कोरोना संक्रमण के कारण मरने वालों को कब्रिस्तान में दो गज जगह भी नसीब नहीं हो पा रही है। ऐसी शिकायतें मिलने पर वक्फ बोर्ड ने ट्रस्टियों को चेतावनी जारी करते हुए मृतकों को नजदीकी कब्रिस्तान में दफनाने की इजाजत देने को कहा है। उधर, अहमदाबाद में अचानक कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़ने के बाद कोट विस्तार को बफर जोन (बीच का विशेष इलाका) घोषित किया गया है। इस क्षेत्र में करीब 29 लाख लोग रहते हैं।
कब्रिस्तान में जगह नहीं दिए जाने की शिकायतों पर वक्फ बोर्ड ने ट्रस्टियों को चेताया
गुजरात राज्य वक्फ बोर्ड के मुख्य अधिकारी आइआर मंसूरी ने कब्रिस्तान कमेटी के मुतवल्ली व ट्रस्टी को पत्र लिखकर निर्देश दिया है कि जिस अस्पताल में कोरोना संक्रमित की मौत होती है उसके नजदीकी कब्रिस्तान में मृतक को दफनाने की इजाजत देते हुए हरसंभव सहयोग किया जाए। ऐसा नहीं करने पर संबंधित के खिलाफ वक्फ सुधार एक्ट-2013 के तहत कार्रवाई की जाएगी।
सूरत में हुई दो लोगों की मौत
उधर, तब्लीगियों के कारण अहमदाबाद के कोट विस्तार में कोरोना संक्रमण के एक साथ कई मामले सामने आने तथा सूरत में एक ही दिन में दो लोगों की मौत के बाद चिह्नित हॉटस्पॉट में गश्त बढ़ा दी गई है। अहमदाबाद महानगरपालिका आयुक्त विजय नेहरा ने बताया कि 12 दरवाजों से घिरे कोट विस्तार में सैनिटाइजेशन और संदिग्धों की जांच का काम शुरू कर दिया गया है।
स्वयंसेवक पहुंचाएंगे घर-घर दवा
राजकोट में लोगों को घरों में रोकने के लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की मदद ली जाएगी। स्वयंसेवकों को घर-घर दवा पहुंचाने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। आरएसएस गुजरात के प्रवक्ता प्रदीप जैन बताते हैं कि लॉकडाउन के पहले दिन से ही स्वयंसेवक सेवा कार्य में जुटे हैं। अहमदाबाद, सूरत, वडोदरा, मेहसाणा, आणंद आदि शहरों में संघ कार्यकर्ताओं ने दैनिक मजदूरी करने वाले करीब 75 हजार परिवारों तक राशन सामग्री पहुंचाई है।